इस स्कूल में गलती करने पर मिलती है सेहतमंद सज़ा

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स्कूल देर से पहूंचने पर आपको भी कभी सज़ा मिली होगी, लेकिन क्या आपको सज़ा के तौर पर कड़वा नीम पिलाया जाता था? सूरत के एक स्कूल में पढ़ने वाले बच्चो को कड़वी सजा दी जा रही है। जी हां, ये बात सुनने में अटपटी जरूर लग रही होगी मगर सच है।विद्यालय में शरारत करने, होमवर्क पूरा न करने या स्कूल में देरी से पहुंचने वाले स्टूडेंट्स को ये सजा पिछले एक महीने से दी जा रही है।

सूरत के विंध्याकुंज विद्यालय में हजारों बच्चे पढ़ाई के लिए आते हैं। सूरत में ये विद्यालय पिछले एक महीने से अपने अजीबो गरीब कारनामे को लेकर चर्चे में है। हाथों में एक जग और ग्लास लेकर बच्चों को जूस पिलाने वाला कोई और नहीं बल्कि इस विद्यालय के डायरेक्टर हैं। वे पिछले एक महीने से विद्यालय में देरी से आने वाले, होम वर्क नहीं करने वाले या फिर स्कूल में शरारत करने वाले इन मासूम बच्चों को सजा के रूप में नीम का रस पिलाते हैं। इस सज़ा को लेकर स्कूल प्रबंधक महेश पटेल खुश हैं। उनका मानना है कि नीम का कड़वा रस पीने से बचने के लिए बच्चों में काफी सुधार देखने को मिल रहा है और नीम का रस बच्चों के स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर है।

वहीं दूसरी तरफ इस विद्यालय में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले माता-पिता भी स्कूल प्रबंधन के जरिए बच्चों को नीम का रस पिलाकर दी जाने वाली कड़वी सजा का विरोध करने के बजाय समर्थन कर रहे हैं। ऐसा शायद पहली बार हुआ होगा कि जब बच्चों की सजा को लेकर उनके माता पिता विद्यालय के पक्ष में बात कर रहे हों। सूरत की इस स्कूल में पढ़ाने वाले बच्चों के अभिवावक भी नीम के रस को अपने बच्चों के स्वास्थ्य हित से जोड़कर देख रहे है।

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