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अधिकारियों के मुताबिक, इस ट्रेन में हाई विंड रेसिस्टेंस और घुमाव क्षमता है। पेइचिंग जियोटोंग यूनिवर्सिटी के प्रफेसर यूई जाओहोंग के मुताबिक, स्काई ट्रेन के निर्माण में बहुत कम समय लगता है। जर्मनी और जापान में स्काई ट्रेन पहले से चल रही हैं, लेकिन हिंदमहासागर के किसी देश में स्काई ट्रेन लाने वाला चीन पहला देश है।
गौरतलब है कि ट्राम और सबवे की तुलना में इसकी संचालन लागत काफी कम है। बैटरी से चलने वाली स्काई ट्रेन एक बार में 4 किलोमीटर तक चल सकती है। लेकिन आपको बता दें कि दो कंपार्टमेंट वाले इस ट्रेन में 200 से ज्यादा लोग सफर कर सकते हैं। स्टेशन पर रुकने के दौरान आसानी से बैटरी बदली जा सकती है और इसमें केवल 2 मिनट लगते हैं।
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