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पढ़ाई के पैसे जुटाने के लिए चलाया ई-रिक्शा। आपने वह कहावत सुनी होगी कि उड़ान भरने के लिए पंखों के ज़रूरत नहीं होती बल्कि बुलंद हौसलों की ज़रूरत होती है। और इस बात की जीती जागती मिसाल है बंगाल के कटवा की एक 21 साल की लड़की सुप्रिया रॉय, जो अपने परिवार की सहायता करने के लिए और अपनी पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए चला रही है ई-रिक्शा
जब इस लड़की ने यह काम शुरू किया था तब लोग उसे बड़ी ही आश्चर्य की निगाहों से देखते थे लेकिन आज ‘टोटो’ नाम का उसका नीला इ-रिक्शा आज वहां का हर शख्स पहचानता है। बीए थर्ड इयर की स्टूडेंट, सुप्रिया रॉय अपने परिवार को आर्थिक सहायता देने के लिए और अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए ई-रिक्शा चलाती है।
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