क्या आप छुट्टियां मनाने के लिए किसी द्विप पर जाने की सोच रहे हैं ? अगर हां तो ज़रा संभल कर प्लान कीजिये। क्योंकि जिस द्वीप पर आप जाने की सोच रहे हैं कहीं वो वीरानों से तो नहीं भरा या कहीं वो द्वीप मौत का आइलैंड तो नहीं? आपने फिल्मों में तो वीरानों, खंडरों को तो देखा ही होगा अकसर कहते हैं कि इन्ही जगाहों पर भूतों का साया होता है। क्या सच में वीराना ही भूतों का घर है? एसी ही एक सच्ची घटना इटली का प्रोवेग्लिया आइलैंड की हैं जहां लोग आते तो है लेकिन जिंदा बच कर वापस नहीं जा पाते। रात होते ही ये सुदंर सा द्वीप लोगों के खून का प्यासा हो जाता है। और घने जंगलों के बीच ये किसी भूतिया जगह से कम नहीं दिखता। इसलिए इसे मौत का आइलैंड कहा जाता है।
मौत का आइलैंड’जहां मर चुके हैं लाखो लोग। इस वीरान जगह की खूबसूरती की कल्पना करें तो व्यर्थ है क्योंकि इस द्वीप के आस-पास इंसान कम जानवरों की संख्या ज्यादा पाई जाती है।
यहाँ पर जो लोग मर जाते थे, उन्हें यही पर दफना दिया जाता था। बाद में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए लगभग 1 लाख 60 हजार बीमार लोगों को जिंदा जला दिया गया था। इसके बाद से लोग इसे भुतिया मानने लगे और ये आइलैंड पूरी तरह से वीरान हो गया। हालांकि, 1922 में इस आइलैंड पर मेंटल हॉस्पिटल बनाया गया, लेकिन कुछ सालों बाद ही इसे बंद कर दिया गया। बताया जाता है कि यहां पर डॉक्टर्स और नर्सों को कई असामान्य चीजें नजर आने लगी थीं।
मेंटल हॉस्पीटल के बंद होने के कई साल बाद तक ये आइलैंड दोबारा वीरान पड़ा रहा। इसके बाद इटली की सरकार ने 1960 में इसे प्राइवेट मालिक को बेच दिया। मालिक ने इसे हॉलिडे होम बनाने के लिए खरीदा, लेकिन वह भी यहां सिर्फ एक दिन टिक सके। कहा जाता है कि आइलैंड के मालिक की बेटी के मुंह को किसी ने काट दिया था, जिसे जोड़ने के लिए चौदह टांके लगाने पड़े थे।
उत्तरी इटली की वेनेटियन लगून्स में स्थित इस आइलैंड पर जाना प्रतिबंधित है। सरकार ने लोगों के जाने पर बैन लगाया है। मछुआरे भी इसके पास मछली पकड़ने नहीं जाते। क्योंकि उनके जाल में कई बार मरे इंसानों की हड्डियां फंस जाती हैं। लोग अब यहां जाने से डरने लगे है।