भारत के कोने कोने में हैं इंटर पास भिख़ारी

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भिख़ारी

भारत में भिख़ारियों कि कमी नहीं हैं। हर सड़क के किनारे फुटऔवर ब्रिज में एक न एक भिख़ारी आपको दिख ही जाएगा। 2011 की जनगणना रिपोर्ट में रोजगार ना करने वाले और उनके शैक्षिक स्तर का आंकड़ा हाल ही में जारी किया गया है। इसके अनुसार देश में कुल 3.72 लाख भिखारी हैं, लेकिन आप ये जानकर चौंक जाएंगे कि इनमें से बहुत सारे पढ़े लिखे हैं। इन 3.72 लाख भिखारियों में से 21 फीसदी ऐसे हैं जो 12वीं तक पढ़े लिखे हैं। यही नहीं इनमें से 3000 ऐसे हैं जिनके पास किसी प्रोफेशनल कोर्स का डिप्लोमा है। और बहुत सारे ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट हैं।

52 साल के दशरथ गुजरात यूनिवर्सिटी से एम.कॉम पास कर चुके हैं। दशरथ पहले सरकारी नौकरी पाना चाहते थे। लेकिन इस चक्कर में उनके हाथ से उनकी प्राइवेट नौकरी भी चली गई। 45 साल के दिनेश खोधाबाई 12वीं पास हैं और अच्छी अंग्रेजी बोल लेते हैं। दिनेश बताते हैं, ‘मैं गरीब हूँ पर ईमानदार हूँ। मैं भीख इसलिए मांगता हूँ। क्योंकि इसमें नौकरी की तुलना में ज्यादा कमाई हो जाती है।

सिर्फ दिनेश ही नहीं उनके साथ 30 और भिखारी भी हैं। जो अहमदाबाद के भद्रकाली मंदिर के पास भीख मांगते हैं। रोज सुबह भीख मांगने से पहले इनका झुंड एक जगह बैठ कर चाय पीता है।

मुंबई के रहने वाले अशोक जयसुर 10वीं तक पढ़े लिखे हैं लेकिन आजकल वह अहमदाबाद के लाल दरवाजा इलाके में भीख मांगते हैं। अशोक पहले सेक्योरिटी गॉर्ड थे लेकिन उनको रतौंधी थी जिसकी वजह से उनकी आंखो की रोशनी चली गई। फिर मजबूरी में परिवार का पेट पालने के लिए वो भीख मांगने लगे। सड़कों और गलियों में भीख मांगकर अशोक अपनी 9 बेटियों, पत्नी और अपना पेट भरते हैं।

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