Use your ← → (arrow) keys to browse
पूजा के मुताबिक संगीता बेगम ने उसे इसलाम का अहम सिद्धांत समझाया. इसके मुताबिक शिक्षा हासिल करने की कोई अहमियत नहीं अगर आप इसे दूसरों को बांटते नहीं हैं, वो भी बदले में बिना कुछ प्राप्त किए। पहले पूजा अपने घर में ही उन्हें पढ़ाती थी लेकिन बच्चों की संख्या बढ़ने की वजह से पूजा ने मंदिर परिसर को स्कूल बना दिया।
पूजा की बहन नंदिनी हिंदी में पोस्ट ग्रेजुएट है और वो बच्चों को हिंदी पढ़ाने के साथ गीता का ज्ञान भी देती है। संजय नगर की जिस कृपाल कॉलोनी की मलीन बस्ती में पूजा और नंदिनी पढ़ाती हैं, वहां हिंदू और मुसलमानों की मिलीजुली आबादी है। पूजा और नंदिनी, दोनों का बच्चों को पढ़ाने का ये उत्साह देखकर उनकी मां रानी भी बहुत खुश हैं। रानी का कहना है, ‘शिक्षा बांटने से पवित्र काम कोई और नहीं हो सकता, इसलिए दोनों बेटियों पर मुझे गर्व है।’
Use your ← → (arrow) keys to browse