बेटियां बनी घर की पहचान,जानिए कैसे

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इसके बावजूद बेटियों को लेकर ग्रामीणों के काम की हर जगह तारीफ हो रही है।170 फैमिली के इस गांव में लड़कियों की संख्या कम होने लगी थी। गांववाले इससे काफी चिंतित हो गए थे।जागरुकता फैलाने के लिए उन्होंने ‘मेरी बेटी-मेरी पहचान’ नाम से कैंपेन चलाया।

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हर घर के आगे नेम प्लेट लगवाया गया। जिसपर अनमैरिड बेटियों का नाम लिखा गया।बेटी के नाम के नीचे उसकी मां का नाम रहता है। बेटी को ही फैमिली का मुखिया बनाया गया है।इस गांव में आने वाला सभी लेटर बेटी के नाम से आता है। उसपर पुरुष मेंबर का नाम नहीं होता है।बदल गया गांव का माहौल।

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